
वर्ष 2008 में स्थापित मनेरी भाली द्वितीय चरण परियोजना ने बिजली उत्पादन में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। सितंबर माह में परियोजना ने 201.709 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जो कि 190 मिलियन यूनिट के लक्ष्य से कहीं अधिक है। अधिकारियों ने इस उपलब्धि को टीम की मेहनत और समर्पण का परिणाम बताया है।
वर्ष 2008 में बनकर तैयार हुई मनेरी भाली द्वितीय चरण परियोजना ने विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस परियोजना ने निर्माण के बाद से अब तक 18 साल में सितंबर माह में सर्वाधिक विद्युत उत्पादन किया है।
सितंबर में 190 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था, जबकि इसके सापेक्ष 201.708 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन हुआ है। बता दें कि मनेरी भाली द्वितीय चरण परियोजना के बैराज का निर्माण जनपद मुख्यालय के जोशियाड़ा क्षेत्र में किया गया है। जबकि इसके पावर हाऊस का निर्माण धरासू में किया गया है।
धरासू पावर हाऊस स्थित जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता उत्पादन यशपाल मेहर ने बताया कि अब तक परियोजना से सितंबर माह का सर्वाधिक उत्पादन गत वर्ष हुआ था, जो कि 199.467 मिलियन यूनिट था। लेकिन इस वर्ष गत सितंबर में लक्ष्य से अधिक उत्पादन हुआ है।
बताया कि लक्ष्य 190 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का था, जबकि इसके सापेक्ष 201.708 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ है, जो कि परियोजना की स्थापना के बाद से अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है।
विद्युत उत्पादन का नया कीर्तिमान स्थापित करने से जल विद्युत निगम के अधिकारी व कर्मचारियों में खुशी की लहर है। वह इसे परियोजना के भविष्य के साथ ही सभी कर्मचारी व अधिकारियों की अथक मेहनत व समर्पण का प्रतिफल बता रहे हैं।
मनेरी भाली बांध परियोजना की जानकारी
परिचय:
मनेरी भाली बांध परियोजना उत्तराखंड राज्य की एक प्रमुख जलविद्युत परियोजना है, जो गंगा नदी के मुख्य उपनदी भली और मनेरी नदियों पर स्थित है। यह परियोजना राज्य में स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण योगदान देती है।
स्थान:
यह परियोजना उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के मनेरी और भली नदियों के संगम स्थल के पास स्थित है।
प्रकार:
मनेरी भाली परियोजना एक जलविद्युत परियोजना (Hydroelectric Power Project) है, जिसका मुख्य उद्देश्य जल शक्ति से विद्युत उत्पादन करना है।
क्षमता:
इस परियोजना की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 300 मेगावाट है, जो उत्तराखंड के विद्युत संसाधनों में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है।
मुख्य विशेषताएं:
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परियोजना में बांध और टरबाइन संयंत्र शामिल हैं।
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यह परियोजना गंगा नदी के जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करती है।
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मनेरी भली परियोजना से उत्पादन होने वाली बिजली न केवल उत्तराखंड की जरूरतों को पूरा करती है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों को भी विद्युत आपूर्ति करती है।
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इस परियोजना से स्थानीय आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिला है।
परियोजना का महत्व:
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यह परियोजना उत्तराखंड में ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में सहायक है।
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जलविद्युत ऊर्जा नवीकरणीय और पर्यावरण के अनुकूल है, जिससे प्रदूषण कम होता है।
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राज्य में बिजली की मांग को पूरा करने के साथ-साथ यह रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करती है।
इतिहास:
मनेरी भाली परियोजना की योजना 1980 के दशक में बनाई गई थी और इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया गया। इस परियोजना के निर्माण और संचालन में केंद्र एवं राज्य सरकार ने सहयोग किया।
परियोजना की उपलब्धियां:
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मनेरी भाली परियोजना ने उत्तराखंड में अब तक का सबसे अधिक बिजली उत्पादन रिकॉर्ड स्थापित किया है।
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यह परियोजना राज्य के ऊर्जा ग्रिड को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रही है।
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