
आज, 21 सितंबर को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य लगने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इस महीने यह दूसरा ग्रहण होगा इससे पहले 07 सितंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगा था। आज यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा जो 22 सितंबर को तड़के 3 बजकर 32 मिनट तक चलेगा। यह ग्रहण रात में लगेगा जिसके कारण इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण और शारदीय नवरात्रि
ज्योतिषियों के मुताबिक साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लग रहा है। यह ग्रहण रात 11 बजे से शुरू होगा। इसका समापन 22 सितंबर तड़के 3 बजकर 24 मिनट पर होगा। परंतु इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यही कारण है कि सूर्य ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। साथ ही ग्रहण से अगले दिन यानी 22 सितंबर से प्रारंभ होने वाले शारदीय नवरात्रि पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा।
सूर्य ग्रहण का समय
21 सितंबर 2025 को सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 11 बजे शुरू होगा और 22 सितंबर को सुबह 3 बजकर 24 मिनट पर इसका समापन माना जा रहा है। चूंकि यह ग्रहण पूरी तरह से रात के समय घटित होगा, इसलिए भारत में इसका कोई भी प्रभाव मान्य नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण कब और क्यों लगता है?
जब चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है, तो कुछ समय के लिए सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुच पाती हैं, तब उस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
- ग्रहण समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को चने व गेहूं का दान करना चाहिए।
- आप गुड़, दाल और सफेद चीजों का दान भी कर सकते हैं।
ग्रहण काल में क्या करें
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- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। इसे कम करने के लिए भोजन और पानी में तुलसी के पत्ते डालने की परंपरा है। ऐसा करने से ग्रहण की नकारात्मकता का असर नहीं पड़ता।
- ग्रहण के दौरान मंदिर में पूजा-पाठ या कोई बड़ा धार्मिक अनुष्ठान करना वर्जित माना गया है। लेकिन इस समय आप भगवान विष्णु का ध्यान कर सकते हैं और उनके मंत्रों का जप कर सकते हैं। साथ ही, गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना भी अत्यंत फलदायी माना जाता है।